लूट सको तो लूट लो.

भारत स्वाभिमान मुरादाबाद                                                                  ॐ                                                                 १२-०१-२०१२
(1) इलाज के नाम पर पूरे देश में प्रति वर्ष लगभग 10 लाख करोड़ रुपये की लूट हो रही है। अनावश्यक दवा , अनावश्यक परीक्षण पर गैर जरुरी आँपरेशन का रोज खतरनाक खेल, हो रहा है।

(2) शराब, तम्बाकू, गुटखा, अफीम व चर्स आदि नशीले सेवन से देश के प्रति वर्ष लगभग 10 लाख करोड़ रुपया बर्बाद हो रहे है।

(3) विदेशी कम्पनियों द्वारा साबुन, शैम्पू, टूथपैस्ट, क्रीम, पाउडर, आचार, चटनी, चिप्स, कोकाकोला व पेप्सी आदि शून्य तकनीकी से बनी बहुत ही गैरजरुरी अनुपयोगी व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुएं बैचकर भारत से प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख करोड़ रुपये की लूट हो रही है। तथा देश का धन विदेशी लोगों के हाथों में जाने से देश आर्थिक दृष्टि से कमजोर हो रहा है।

(4) यूरिया, डी,ए,पी व अन्य हानिकारक खाद व जहरीले कीटनाशकों से एक ओर जहाँ धरती माता की कोख (खेत) व इंसान का पेट विषैला हो रहा है वहीं गो व पशुधन आधारित कृषि व्यवस्था न होने से प्रतिवर्ष लाखों गायों व अन्य पशुधन का बर्बरता के साथ कत्लखानों में वध हो रहा है। प्रतिवर्ष इन जहरीली खाद व कीटनाशकों से देश के लगभग 5 लाख करोड़ रुपये नष्ट हो रहा है।

(5) टैक्स जस्टिस नेटवर्क, ट्रांसपेरेंसी इन्टरनेशनल, प्रवर्तन निदेशालय, केन्द्रीय सतर्कता आयोग अन्य राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के अनुसार पूरी दुनिया में अब तक 11.5 ट्रिलियन डालर क्रास बार्डर ब्लैकमनी जमा है। भारतीय मुद्रा के अनुसार उसकी कीमत 518 लाख करोड रुपये है तथा इसमें से आधा 258 लाख करोड भारत के बेईमान लोगों का है। अभी भी यह लूट का सिलसिला रुका नहीं है।

प्रतिवर्ष 1.6 ट्रिलियन डाँलर अभी भी देश की सीमाओं से बाहर काला धन जमा होता है। अर्थात प्रतिवर्ष अभी भी लगभग 72 लाख करोड रुपये दुनिया के बेईमान लोग अपने-अपने देशों से लूटकर दूसरे देशों में जमा करते है। अत: ये भ्रष्टाचार व काला धन मात्र राष्ट्रीय ही नही एक अन्तराष्ट्रीय समस्या है। इस 72 लाख करोड रुपये में आधा रुपये एशियन देशों का है और इसमें भी आधा अर्थात 18 लाख करोड रुपये भारत का प्रति वर्ष विदेशी बैंकों में जमा हो रहा है। इस धनराशि को यदि महीने व दिनों में विभाजित करें तो प्रतिमाह 1 लाख 50 हजार करोड, प्रतिदिन 4931.5 करोड, प्रतिघंटा 206 करोड एवं प्रति मिनट 3 करोड 42 लाख रुपये की लूट हो रही है। नक्सलवाद, माओवाद, आंतकवाद, गरीबी व बेरोजगारी आदि समस्त ज्वलंत सम्स्याओं व चुनौतियों का मूल कारण भ्रष्टाचार, काला धन एवं पक्षपात की गलत नीतियाँ एवं व्यवस्थाएं भी है व बेरोजगारी आदि समस्त ज्वलंत समस्याओं व चुनौतियों का मूल कारण भ्रष्टाचार, काला धन एवं पक्षपात की गलत नीतियाँ एवं व्यवस्थाएं भी है।

जहाँ एक ओर देश के लोग ईमानदारी से मेहनत करके देश के विकास में लगे है और प्रति वर्ष 50 से 60 लाख करोड की जी.डी.पी, देकर देश को ताकतवर बना रहे है वहीं दूसरी और हमारी घटिया सोच, गलत नीतियों व भ्रष्टाचार पर अंकुश न होने से देश का लगभग 50 लाख करोड रुपये प्रतिवर्ष बेरहमी व बेदर्दी से लूटा जा रहा है व देश का विनाश हो रहा है और हमारे अपने घर के 5 लाख रुपये लूटने, नष्ट या बर्बाद होने पर हमे कितता कष्ट होता है।

हम 120 करोड देशभक्त, जागरुक-संवेदनशील भारतीयों के होते देश का प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख करोड रुपये लुटता रहता है और हम मौन होकर यह सब देख रहे इससे बडी शर्म, अपमान या बेबसी की बात और क्या हो सकती है? इस लूट के लिए जिम्मेदार कौन? समाज के ताकतवर बडे लोग, चाहे वह बडे डाक्टर्स, हाँस्पिटल्स हो, या फिर बडे व्यापारी, बडे अधिकारी, पर सबसे ज्यादा जिम्मेदार है बडे नेता जिनके हाथों में इस देश की सर्वोच्च सत्ता व शक्ति है।

भ्रष्टाचार के लिए तो वे 100 फीसदी सीधे जिम्मेदार ही साथ ही दुसरी लूट में भी उनकी भागीदारी है। चाहे बडे हाँस्पिटल्स हो, दवा निर्माता कम्पनियाँ, हो या फिर शराब तम्बाकू या अन्य नशा बनाने वाली कम्पनियाँ हों अथवा विदेशी कम्पनियां जिनके साथ कुछ रसूखदार ताकतवर नेताओं की पार्टनरशिप होती और कई बार तो वे सीधे तौर पर खुद ही मालिक होते हैं।
साभार: 
वास्तविक सूत्र:

कोई ऊँगली भी न उठाये

भारत स्वाभिमान मुरादाबाद                                                                  ॐ                                                                  २०-०१-२०१२ 

अपने आस-पड़ोस में अक्सर आपने देखा होगा की कुछ लोग पालतू जानवर पालने के शौक़ीन होते है. पालने के पीछे कारण अलग-अलग हो सकते हैं, कुछ लोग अपने शौक को पूरा करने के लिए, कुछ में प्राणियों के प्रति प्यार और भी कुछ अन्य कारण जो दिखाई तो नहीं देते किन्तु समझ में आ ही जाते हैं. 
ऐसा ही कुछ सरकार के कारनामो से लगता है. सरकार के पास भी बहुत से ऐसे साधन हैं जिनका सीधा साधा मतलब तो सब जानते हैं और उनके पीछे आधार भी यही बताया जा सकता है जिससे सब सहमत होते दिखाई पड़ते हैं. मीडिया, कानून और सरकारी एजेंसिया या कह लीजिये जांच एजेंसिया इसी दायरे में काम करती हुई दिखाई देती हैं. जिससे यह आभास होता रहे की यह जनता की भलाई के लिए होती हैं. कानून व्यवस्था को रखने के लिए इनका सदुपयोग होता है, किन्तु सरकार के आड़े वक्त में यह सरकारी ढाल का भी काम करते हैं और कोई भी अंगुली नहीं उठा पाता.
योग गुरु स्वामी रामदेव के बारे में भी कमोवेश सरकार का यही रुख उजागर होता है. जब तक लगा कि स्वामी जी योग सिखा कर आम जनता को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाकर उनका जीवन स्वस्थ बना रहे हैं और हमसे कुछ भी नही मांग रहे है, तब तक तो सब ठीक रहा, परन्तु जैसे ही स्वामी जी ने अपने सन्यास धर्म को निभाते हुए राष्ट्र धर्म निभाने का बीड़ा उठाया और उसके लिए स्वयं कष्ट सहकर देश को जगाने का राष्ट्रव्यापी  कार्य किया और भ्रष्टाचारियो के विरुद्ध देशभक्तों को जोड़ कर एक जगह एकत्र करने का अभियान छेड़ा सरकार को तो जैसे लगा कि स्वामी जी सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ रहें हैं और फिर तो उसे अपने तरकश के सभी तीर छोड़ने कोई देर नहीं लगी. फिर तो चाहे मीडिया हो या जाँच एजेंसिया या फिर अपने लोग सभी को एक ही काम में लगा दिया कि बस जैसे भी हो स्वामी जी को भी सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी साबित करना है. चाहे कुछ भी करना पड़े. ऐसी ही कोशिश अन्ना हजारे के अनशन से पूर्व कि कोशिशो से भी सरकार कि ओछी हरकतों, उसकी गन्दी मानसिकता का पता चला था, लेकिन जिस दिन जनता अपने भले बुरे का अंतर समझ कर अन्ना के समर्थन  में सडको पर उतरी, तो सरकार को लगा कि कुछ गलती हो रही है. एक चीज़ सरकार को क्यों समझने में देर लगी कि जनता सरकार के नहीं भ्रष्ट व्यवस्थाओ के विरोध में उतरी है. रामदेव के प्रति भी सरकार ऐसा ही मानती है कि वह सरकार विरोधी हैं पर वास्तव में रामदेव भ्रष्ट व्यवस्था और भ्रष्टाचारियो से भारत की जनता को मुक्ति दिलाना चाहते हैं, किन्तु यदि सरकार और भ्रष्टाचार एक दुसरे के पूरक हो रह गएँ हैं तो इसमें रामदेव का क्या दोष? वह तो भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हैं, जबकि सरकार को लगता है कि उसके खिलाफ खड़े हैं. 
आज़ादी के बाद से जितना पिछले कुछ सालों में लोगो को भ्रष्टाचार से दो चार होना पड़ा है वह बेशक भयावह है और न ही यह एक दिन में हुआ है. इसलिए एक ही दिन में इसका निदान भी नहीं हो सकता लेकिन यदि इसको दूर करने के लिए रामदेव जैसे युग पुरुष जनता कि आवाज बन कर निकले हैं तो सरकार को उन्हें कहीं न कहीं फसाने के हथकंडे छोड़कर उनकी सलाह और जनता कि तकलीफों के बारे में सोचना चाहिए न कि उन्हें फेरा जैसे मामलो में उलझाकर जनता का ध्यान भटकाना चाहिए. जैसे जैसे लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होकर आगे आते हैं. सरकार उनके खिलाफ खड़ी हो जाती है. जिसके फलस्वरूप रामदेव, बालकृष्ण आदि तक सरकार की सूची पहुँच गयी है. आने वाले समय में इस सूची में और कौन कौन से नाम जुड़ेंगे यह तो सरकार ही जाने, परन्तु सरकार का यह सोचना गलत है कि इससे डरकर लोग भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ नहीं उठाएंगे.
लेखक: हिमांशु कौशिक 
स्थान: मुरादाबाद 

सोशल नेटवर्क प्रतिबन्ध पर बाबा रामदेव

भारत स्वाभिमान मुरादाबाद                                                                  ॐ                                                                  १८-१-२०१२
साभार: भारत स्वाभिमान समाचार 
वास्तविक सूत्र:http://youtu.be/4sBUmLvJRGg

हम सब कुछ सहने को तैयार है- बाबा रामदेव

भारत स्वाभिमान मुरादाबाद                                                                  ॐ                                                                 १८-१-२०१२


साभार: 
वास्तविक सूत्र:

बाबा रामदेव किसी परिवार के नाम से नहीं बल्कि उनका परिवार अब उनके नाम से जाना जाता है .

भारत स्वाभिमान मुरादाबाद                                                                  ॐ                                                                  १८-१-२०१२


पिछले दिनों खबर आयी कि मुकेश भाई अम्बानी अपने 5000 करोड़ के घर में शिफ्ट नहीं हो रहे ……कुछ वास्तु दोष रह गया है शायद…..कमबख्त 5000 करोड़ रुपया खर्च के भी दोष रह गया ??? 27 मंजिला घर बनवाया है 6 लोगों के रहने के लिए .168 कारें खड़ी हो सकती हैं …….8 मंजिलें तो पार्किंग के लिए हैं ….कई सारे Swimming Pool है ….Helipad है ………..ऐसे लोगों को हमारे यहाँ धन पशु कहा जाता है …..

एक और धन पशु है …..दिल्ली में …..कांग्रेस पार्टी के नेता हैं ………..कँवर सिंह तंवर ….हाल ही में उन्होंने अपने बेटे की शादी की ……..सुनते हैं की 10 दिन तक समारोह चला ………..18000 मेहमान थे ……….लड़की वालों ने अपने रिश्ते दारों को BMW दे के विदा किया ….दामाद को हेलिकोप्टर दिया दहेज़ में …………लड़के की हजामत बनाने वाले नाइ को ही ढाई लाख का गिफ्ट दिया ………….सुनते हैं की 1 00 करोड़ से ज्यादा खर्च हो गया एक शादी में ……….पूरी दुनिया में इस शादी के चर्चे रहे ……….RECEPTION .में सोनिया गांधी , शाहरूख खान और ऐश्वर्य राय जैसी हस्तियाँ पहुंची थी …………रईस लोग आहें भर रहे थे ….काश हम भी अपनी बिटिया ऐसे ही ब्याह पाते ………इन ख़बरों को पढ़ के याद आया ….सोने की चिड़िया है हिन्दुस्तान

पिछले दिनो अपने दिग्गी राजा ….यांनी कि मध्य प्रदेश की राघो गढ़ रियासत के राजा ….अपने दिग्विजय सिंह जी फरमा रहे थे की A , B , C , तीन टीमें थी RSS की , सो एक , यानी राम देव को तो कुचल दिया ……और बाकी को देख लेंगे …………और ये तो वो हमेशा से बोलते आये हैं की बाबा नहीं ठग है …..चोर है ….बिजनेस करता है ………….हाथ पैर बाँध के नदी में फेंक देना चाहिए ………और न जाने क्या क्या . इसके अलाव हमारा मीडिया भी अक्सर उनसे ये पूछता है ……हाय इतनी सारी दौलत ……इतनाआआआआआ सारा रुपया है आपके पास ….इतनी सारी दवाईयाँ बेचते हैं आप ……इतने बड़े बिजनेस मैन है , बड़ी गाडी में चलते हैं ……चार्टर प्लेन में उड़ते हैं ……….वगैरा वगैरा …..अब इतने दौलत मंद आदमी ….इतने बड़े रईस से ईर्ष्या होना तो स्वाभाविक है ………….

अब चूँकि मैं पातंजलि योग पीठ से जुड़ा हूँ ….वहाँ महीनों रहा हूँ ………वहाँ की एक एक चीज़ को गौर से , बड़े नज़दीक से देखा है ………..एक बात तो मैं भी मानता हूँ ….बाबा है वाकई रईस …..इसमें कोई शक नहीं …………लोग कहते हैं की आज से मात्र 18 साल पहले बाबा हरिद्वार की गलियों में साइकिल पे चलता था …..बात सही है …सुनते हैं की एक बार बाबा ने एक पंसारी से हज़ार रु की जड़ी बूटिया उधार मांगी थी और उसने मना कर दिया था ….वही बाबा आज 1100 करोड़ का मालिक हो गया ………..फ़कीर था……. रईस हो गया…..बड़े नज़दीक से देखा है मैंने बाबा को ………मीडिया को रईस दिखता होगा बाबा ….पर आज भी सचमुच फ़कीर है …………

वो अलग बात है की बाबा ने मात्र 5-7 सालों में एक साम्राज्य खड़ा कर दिया है…..पर किसके लिए ……….एक किस्सा सुनाता हूँ ……..देश के एक TOP BOXING COACH अपने 30 स्टुडेंट्स को ले कर पतंजलि आना चाहते थे ….योग सीखने ……6 दिन का शिविर लगाना चाहते थे ……..उन्होंने मुझसे संपर्क किया ………वो पूछने लगे क्या खर्च आएगा ………. मैंने कहा कुछ ख़ास नहीं …….3 दिन यहाँ धर्मशाला में फ्री में रहने को मिलेगा…..बाकी तीन दिन का 50 रु के हिसाब से एक Bed का दे देना ….और बाकी भोजन पानी तो फ्री मिलता ही है तीनों समय ………. सो उन्होंने हाँ भर दी ….मैं इस सम्बन्ध में आचार्य बाल कृष्ण जी से मिला ….पूरी बात बतायी …….वो बोले क्या बात करते हो ….राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी …धर्मशाला में रुकेंगे ……….नहीं Residential Blocks में AC Rooms में रुकवाओ ……..खिलाड़ी हैं इसलिए अलग से भोजन की विशेष व्यस्था करवाओ ….दूध घी मक्खन पनीर फल फ्रूट हर चीज़ की व्यस्था करो …

लाने के लिए स्टेशन पे बस भेजो …………… वो तीस खिलाड़ी 7 दिन वहाँ योग पीठ में रुके …..योग सीखा ……..सबके Medical Chekup हुए …..एकदम फ्री ………आज योग पीठ में सैकड़ों हज़ारों लोग पूरे देश से आते है योग सीखने और इलाज कराने …………..धर्मशाला है वहाँ ….3 दिन तक फ्री रुकने की व्यस्था ……..इसके बाद 50 रु Bed ( ठलुए मुफ्त खोरों को रोकने के लिए ) ….दिन रात फ्री लंगर चलता है ……….इतना बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल है ….फ्री सेवा ……….जो लोग धर्मशाला में नहीं रुकना चाहते उनके लिए 150 से ले के 400 रु Bed तक की Cooler और AC रूम में सुविधा ………..इसके अलावा जो दवाईयाँ वहाँ आश्रम में मिलतीं हैं उनकी कीमत बाज़ार में बिकने वाली अन्य ब्रांड्स से 75 % से ले कर 3000 % तक कम हैं ………यानी बेहद सस्ती ……..इसके अलावा बाबा के सैकड़ों सेवा प्रकल्प चल रहे हैं ………..कितने ही गुरुकुल आज बाबा के अ नुदान और मदद से चल रहे हैं ….

लाखों योग कक्षाएं पूरे देश में फ्री चल रही है …..आज बाबा ने योग को घर घर पहुंचा दिया है ………परन्तु सारी संपत्ति ट्रस्ट की है जिसमे बाबा के अलावा उनके परिवार का एक भी सदस्य नहीं है ……उनके परिवार का एक भी कोई बैंक खाता नहीं है ……..उनके एक भाई वही हरिद्वार में काम देखते हैं और वेतन पाते हैं …….एक बड़े भाई गाँव में खेती करते हैं ……..

सुनते हैं की पुट्टपर्ति में साईं बाबा के निजी कक्ष से 7 करोड़ रुपया और 35 किलो सोना मिला था ……बाबा के निजी कक्ष में गया हूँ मैं …….वहाँ 7 रु नहीं मिलेंगे ……चटाई बिछा के सोते हैं …जमीन पे …..NON AC रूम में …….. दो जोड़ी कपडे है …..खुद धोते हैं ……….उबली हुई सब्जी और एक गिलास दूध ….यही भोजन है …..बाबा कहते हैं ….मेरा क्या है ? सब आपका है ….आपके लिए है …आपके पैसे से बना है ॥बाबा की कौन सी बेटी है जिसके 18000 बारातियों को पकवान खिलाने हैं …….दहेज़ में BMW देनी है ……….अलबत्ता उन मुक्केबाज लड़कियों को देख के बोले ये मेरी बेटियाँ हैं ….इन्हें ओलम्पिक के लिए तैयार करो ……कोई चिंता मत करना …मैं हूँ न ……..

एक फ़कीर ने हम आम हिन्दुस्तानियों के लिए इतना कुछ बना दिया ……योग सिखा दिया ………..पर मीडिया और नेता मुकेश अम्बानी और कँवर सिंह तंवर सारीखों का गुणगान करते है , तलवे चाटते हैं ………..बाबा को ठग और चोर बताते हैं …

ऐसे हैं हमारे परम पूजनीय स्वमी रामदेव जी जो देश के लिए इतना कुछ कर रहे हैं , आज इसलिए हम स्वामी जी के साथ हैं और स्वामी जी के लिए कुछ भी कर सकते हैं !

साभार: जितेन्द्र प्रताप सिंह 

माँ मांग रही है बलिदान

भारत स्वाभिमान मुरादाबाद                                                                  ॐ                                                                  १७-१-२०१२ 



साभार:            मुरादाबाद भारत स्वाभिमान यु ट्यूब चैनल 
वास्तविक सूत्र:http://www.youtube.com/user/म्ब्द्भारात्स्वभिमान
 माँ मांग रही है बलिदान 

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